नाम किरत करि नाम न होई । नाम धरन धरि नाम न सोई ।। भू भुवन भूरि भूति भलाई । करित करम करि जस तस पाई ।। " मनुष्य की ईश्वर से तुलना नाम से नहीं अपितु कर्म से की जाती हैं....."
" मतदाता एवं मतग्रहिता की जीवनशैली समान रूप से द्रष्टिगत होना ही 'समानता' की वास्तविक एवं संवैधानिक परिभाषा है जो की एक उत्तम लोकतंत्रका महत्वपूर्ण लक्षण भी है.....