Monday 26 August 2013

-----॥सुठि-सोरठे ॥ -----

कंकनि करधन धारि, मूर्धन धर मोर पाख /
बृंदा बन रास बिहारि, मोहित कर चितबन हरे ।। 

सुधाधर बदन धार, लावन लोचन लाह लाख /
सत सुर साध सँवार, कान्हा कर वेनु वरे //

घन घर घाघर घार, फल्गुनि हरिद हरी द्राख । 
उरमन उरस उहार, चुनर रंग तरंग तरे //

नयनन पलकन पार, भाल भ्रुकुटी बर बैसाख /
धनु धर सर सर सार, गिरिधर के हरिदे घरे ॥ 

स्याम मनि सर कार, पट पीतम पटल पराख । 
भूषन कर सिंगार, भूरि भूयस भेष भरे ॥  

रुर सुर करनन सार, एक भुज बल कंधन राख । 
एक भुज कंठन घार, राधिका संग हनु धरे  //

सुध बुध सकल बिसार, रोचित योगित सह साखि /
पद सथ संगति धार, रयनत छम छम नृत्य करे //

Tuesday 6 August 2013

----- ॥ उर्दू के माने ॥ -----

'उर्दू' एक तुर्की शब्द है जिसका अर्थ है = छावनी, लश्कर
हिंदी या हिन्दुस्तानी भाषा का वह रूप जिसमें अरबी-फ़ारसी शब्द अधिक  व्यवहृत होते हों, उर्दू भाषा कहलाती है, प्रारम्भ में उर्दू को 'रखता' कहा जाता था ।
      उर्दू भाषा लेखन में हिन्दी शब्द  तत्भव स्वरूप में अधिक प्रयुक्त होते हैं  जैसेकि "ज्येष्ठ दुपहरी" को "जेठ दुपहरिया" लिखा जाए और  "फिर मेरी मूर्ति गढ़ने के  स्थान पर = फिर मेरा बुत बनाने" लिखा जाए.....