Tuesday, 4 June 2019

----- ॥ टिप्पणी 21 ॥ -----,

ओवैसी के बयान "हम किरायदार नहीं,बराबर के हिस्सेदार हैं" को किस नज़र से देखा जाये?
  • भारत में सभी मुस्लिमों का उत्तर होगा - हाँ ! सही तो कह रह हैं…..
  • और भारत वंशी के उत्तर : - हम पहले इंसान है, इंसान का भाई चारा होना चाहिए, जातिवाद क्यूँ है, मुस्लिम मेरा भाई, हम सब एक डाल के पंछी, हाँ हाँ मुसलिम भाई आप भारतीय हो मेरा घर ले लो मेरी दौलत भी ले लो, ये क्या धर्म की दकियानूसी बातें हैं, मैं फालतू विषय पर बहस नहीं करता, राष्ट्र क्या होता है ?  ये ओवैसी कौन है ? हमारे पूर्वज एक थे दे दो..... आदि आदि 
  • भारत शासन द्वारा अब तक ऐसी राष्ट्र विरोधी शक्तियों के विरुद्ध कार्यवाहीकर तत्काल उसे कठोर दंड दे देना चाहिए था | किन्तु आश्चर्य है उसने ऐसा नहीं किया | क्या भारत का संविधान इतना अक्षम है ? क्या वह अपनी अखंडता की रक्षा करने में निर्बल सिद्ध हो रहा है अथवा सत्तधारियों का अंतस काला है ? भारत की सत्ता सुख भोग लिए नहीं है यदि ये सत्ताधारी भारतीय है उन्हें भारत से प्रेम है तो वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें |
  • चार टुकड़े होने के पश्चात भारत का आधे से अधिक भाग मुस्लिमों के पास है औवैसी जाएं वहां | यदि प्रत्येक ५० वर्षों में एक जिन्ना जन्म लेता रहा तो भारत बचेगा कहाँ ?
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धर्म साधारण व् विशिष्ट ये दो प्रकार के होते हैं 
विशिष्ट धर्म वस्तुत: ईश्वर के उपासना की एक पद्धति है संसार में १४ प्रकार के विशिष्ट धर्म हैं यदि हम सभी उपासना पद्धतियों का अनुशरण करेंगे तो  ईश्वर पर ध्यान केंद्रित नहीं होगा इसलिए किसी एक पद्धति का अनुशरण कर हमें ईश्वर की उपासना करनी चाहिए आप धर्म परिवर्तित कर सकते हैं किन्तु यह स्मरण रहे कि कोई परिवर्तन तभी  स्वीकार्य योग्य है जब वह संसार के लिए कल्याणकारी हो

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