"मतदाता एवं मतग्रहिता की जीवनशैली समान रूप से द्रष्टिगत होना ही 'समानता' की वास्तविक एवं
संवैधानिक परिभाषा है जो की एक उत्तम लोकतंत्र का महत्वपूर्ण लक्षण भी है "
"लोकतंत्र आधुनिक या कलिकाल की परिकल्पना है, जो समानता एवं समदृश्यता के सूत्र पर ही आधारित है, विद्यमान कल में अधिकतम राष्ट्रों ने इस तंत्र को अंगीकार किया है । किन्तु उक्त सूत्र कहीं दृष्टिगत नहीं होता । राष्ट्राध्यक्ष प्रासादों में सुशोभित हो रहे हैं, एवं जनता विपन्नता ( यहां विपन्नता की परिभाषा व्यापक है) से ग्रसित है"
तात्पर्य है की : -- "श्रेष्ठ उपकरण से ही कार्य सिद्ध नहीं हो जाता, श्रेष्ठ उत्पादन भी होना चाहिए "
"विद्यमान सत्ताधारी दलों का ध्येय केवल मात्र 'सत्तासुख' अर्जित करना अथवा सत्ता सवारी हेतु अपने अवसर की प्रतीक्षा करना भर है,'मतलोलुपता' के अतिरिक्त इन दलों को जनसामान्य व जनतंत्र से कोई अन्य सरोकार नहीं है"
सभी राष्ट्रों के जनसामान्य को अपने जन संचालनतंत्र एवं उसके संवैधानिक स्वरूप का आकलन एवं समुचित समीक्षा की सतत आवश्यकता है.....
संवैधानिक परिभाषा है जो की एक उत्तम लोकतंत्र का महत्वपूर्ण लक्षण भी है "
"लोकतंत्र आधुनिक या कलिकाल की परिकल्पना है, जो समानता एवं समदृश्यता के सूत्र पर ही आधारित है, विद्यमान कल में अधिकतम राष्ट्रों ने इस तंत्र को अंगीकार किया है । किन्तु उक्त सूत्र कहीं दृष्टिगत नहीं होता । राष्ट्राध्यक्ष प्रासादों में सुशोभित हो रहे हैं, एवं जनता विपन्नता ( यहां विपन्नता की परिभाषा व्यापक है) से ग्रसित है"
तात्पर्य है की : -- "श्रेष्ठ उपकरण से ही कार्य सिद्ध नहीं हो जाता, श्रेष्ठ उत्पादन भी होना चाहिए "
"विद्यमान सत्ताधारी दलों का ध्येय केवल मात्र 'सत्तासुख' अर्जित करना अथवा सत्ता सवारी हेतु अपने अवसर की प्रतीक्षा करना भर है,'मतलोलुपता' के अतिरिक्त इन दलों को जनसामान्य व जनतंत्र से कोई अन्य सरोकार नहीं है"