Thursday 7 June 2012

----- || DAND KA MAAPDAND || -----

" भ्रष्टाचार स्वयंसिद्धापराध है जिस पर दण्डारोपन के परिमाण का प्रारूप इस
  प्रकार से हो की अपराधी न्यूनतम 6 माह व उच्चतम 7 वर्ष के सश्रम या
  साधारण कारावास सहित सदोष अर्जन के अधिग्रहण या 'जब्तीकरण' के
  सह अर्थदण्ड का भागीदार हो.."


   किन्तु  :--
" भ्रष्टाचरण स्वरूप आपराधिक सदोष अर्जन के परिमित ही दण्ड का मापदण्ड हो
  जहां अपराधी के ऐसे सदोष अर्जन का दुरुपयोग स्वयं अथवा अन्य द्वारा ऐसा
  कार्य जो किसी व्यक्ति या किन्ही व्यक्तियों की मृत्यु कारित करने के आशय से
  अथवा ऐसे कार्य का रुपान्तरण राष्ट्र में आतंक कारित करने के षड़यत्र स्वरूप
  यथास्थित ह्त्या या सामूहिक ह्त्या कारित करने का अभिसंधान हो वहां ऐसे
  अपराध के दण्ड का परिमाण वही हो जो ऐसे अपराध हेतु  दंडात्मक परिमेय
  का निर्धारण भा.दं.सं. में है....."



" धन की परिक्रमा पर्यंत व गति शिथिल होती है,
  ज्ञान की परिक्रमा अनंत व गति प्रतन्य होती है....."
                                                     -- सनद रहे


  

2 comments:

  1. सहमत आपसे .हिंदी की बिंदी चमका रखी है आपने .बढ़िया पोस्ट .कृपया यहाँ भी पधारें -
    बुधवार, 25 जुलाई 2012
    बढती उम्र का असर न पड़े बीनाई (विजन )पर
    बढती उम्र का असर न पड़े बीनाई (विजन )पर
    http://veerubhai1947.blogspot.de/तथा यहाँ भी -
    रविवार, 22 जुलाई 2012
    जिसने लास वेगास नहीं देखा
    अमरीका नहीं देखा उसने जिसने लास वेगास नहीं देखा
    http://veerubhai1947.blogspot.de/search?updated-max=2012-07-23T00:10:00%2B05:30&max-results=७
    शनिवार, 21 जुलाई 2012
    गोरों का पूडल प्रेम
    गोरों का पूडल प्रेम
    http://veerubhai1947.blogspot.de/search?updated-max=2012-07-23T00:10:00%2B05:30&max-results=7

    ReplyDelete
  2. नीत नीत पर आया हूँ
    भ्रष्टाचार पर दड और
    उसका मापडंड की
    परिभाषा समझ पाया हूँ !

    ReplyDelete