"माया का यह चारित्रिक लक्षण है की वह किसी को भी एक नहीं होने देती....."
"ज्ञान, सीख अथवा विद्या की प्राप्ति उच्च आसंदी पर विराजित हो कर नहीं
अपितु निम्न स्थान ग्रहण करने से होती है....."
"ज्ञान, सीख अथवा विद्या की प्राप्ति उच्च आसंदी पर विराजित हो कर नहीं
अपितु निम्न स्थान ग्रहण करने से होती है....."
बहुत बढ़िया विचार प्रस्तुति...
ReplyDelete