अग्नि को साक्षी मान कर वर पाणि ग्रहण करता है..,
न्यायालय में अपराधी-निर्पराधी, दोषी-निर्दोष,वादी-प्रतिवादी
स्वधर्म ग्रन्थ को साक्षी मान शपथ लेकर अपना पक्ष रखते हैं..,
मैं.....शपथ लेता हूँ....
शासन-प्रशासन के सेवक-प्रतिनिधि किसको साक्षी मान कर शपथ लेते हैं,
राष्ट्रपति को, प्रधानमन्त्री को, मुख्यमंत्री को, पक्ष-विपक्ष के दलाध्यक्षों को,
अथवा अग्नि,जल, वायु, आकाश, भूमि को.., ईश्वर की परिभाषा किसे कहेंगे ?
स्पष्ट नहीं है.....
न्यायालय में अपराधी-निर्पराधी, दोषी-निर्दोष,वादी-प्रतिवादी
स्वधर्म ग्रन्थ को साक्षी मान शपथ लेकर अपना पक्ष रखते हैं..,
मैं.....शपथ लेता हूँ....
शासन-प्रशासन के सेवक-प्रतिनिधि किसको साक्षी मान कर शपथ लेते हैं,
राष्ट्रपति को, प्रधानमन्त्री को, मुख्यमंत्री को, पक्ष-विपक्ष के दलाध्यक्षों को,
अथवा अग्नि,जल, वायु, आकाश, भूमि को.., ईश्वर की परिभाषा किसे कहेंगे ?
स्पष्ट नहीं है.....
बहुत सुन्दर ||
ReplyDeleteबधाईयाँ ||
सार्थक पोस्ट |
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