Saturday 6 October 2012

----- ।। अभाव का भाव ।। -----

" एक छोर पर वह व्यक्ति है जिसका कंठ अभाव का भाव पूछ पूछ कर
  शुष्क हो गया .., दुसरे छोर पर वह व्यक्ति है जिसे अभाव अर्थान्वेषण
  हेतु शब्दकोष की आवश्यकता होगी..,


 "एक छोर पर वह व्यक्ति है जिसका जीवन भोजन, आच्छादन, उपचार
  जैसी आधारभूत व्यवस्था हेतु ही  संघर्ष  रत है.., दुसरे  छोर  पर वह
  व्यक्ति है जिसका जीवन भोग विलास की तृष्णा से परिपूर्ण विषय काम
  लोलुप हेतु प्रासंगिक रहते हुवे भोगवादी है..,


" वाही भोगवादी व्यक्ति अपनी विषय वासना के वशीभूत छल-छद्म स्वरूप
  में भोकस भिक्षुक का रूप धर अभाव ग्रस्त  व्यक्ति  के द्वार   पर  उसकी 
  एकमात्र शक्ति उसका  'मत' को छल कपट से हरण कर लेता है..,


" धिक्कार है ! ऐसे जीव ! ऐसा जीवन !! ऐसी जीवनी !!! एवं ऐसे दुश्चरित्र पर.....
 

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