एक लोकतंत्र में जहां लोकसेवक की जाति व धर्म होता है,
वहीँ राजनेताओं की जाति व धर्म केवल राजनीति होती है.....
लोकतंत्र के जनप्रतिनिधि की विलासपूर्ण जीवन शैली उस
लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है वहां, जहां की वह मतों
के 'दान' से संचालित होता हो.....
'मत' कोई कन्या नहीं है जसके दान हेतु किसी कृष्ण
मोहन अथवा राम या चाँद-सूरज या राजा महाराजा
की आवश्यकता हो यह प्रत्येक भारतीय नागरिक
चल संपत्ति के तुल्य है जिसके दान की सार्थकता
स्व कल्याण हेतु ही है.....
भारतीय संविधान के अनुसार मतदान प्रत्येक भारतीय
नागरिक का अधिकार है न की कर्त्तव्य,यह मतदाता की
स्वेक्षा पर निर्भर है की वह इसका दान करे अथवा नहीं
मत के दान हेतु किसी भी व्यक्ति पर न तो दबाव बनाया
जा सकता है एवं न ही दबाव पूर्वक अनुरोध ही किया
जा सकता.....
शास्त्रानुसार : --
" अपात्रे दीयते दानं दातारं नरकं नयेत् ।।"
अर्थात अपात्र को दिया हुवा दान दानी को नरक में ले
जाता है.....
वहीँ राजनेताओं की जाति व धर्म केवल राजनीति होती है.....
लोकतंत्र के जनप्रतिनिधि की विलासपूर्ण जीवन शैली उस
लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है वहां, जहां की वह मतों
के 'दान' से संचालित होता हो.....
'मत' कोई कन्या नहीं है जसके दान हेतु किसी कृष्ण
मोहन अथवा राम या चाँद-सूरज या राजा महाराजा
की आवश्यकता हो यह प्रत्येक भारतीय नागरिक
चल संपत्ति के तुल्य है जिसके दान की सार्थकता
स्व कल्याण हेतु ही है.....
भारतीय संविधान के अनुसार मतदान प्रत्येक भारतीय
नागरिक का अधिकार है न की कर्त्तव्य,यह मतदाता की
स्वेक्षा पर निर्भर है की वह इसका दान करे अथवा नहीं
मत के दान हेतु किसी भी व्यक्ति पर न तो दबाव बनाया
जा सकता है एवं न ही दबाव पूर्वक अनुरोध ही किया
जा सकता.....
शास्त्रानुसार : --
" अपात्रे दीयते दानं दातारं नरकं नयेत् ।।"
अर्थात अपात्र को दिया हुवा दान दानी को नरक में ले
जाता है.....
जबरदस्त |
ReplyDeleteबधाई इस प्रस्तुति पर |