Sunday 30 September 2012

----- || भोग भोग भोगवान ।। -----

जिस राष्ट्र का न्याय क्रयशील हो उस राष्ट्र पर अन्य राष्ट्रों की
कुदृष्टि बनी रहती है.....


न्यायाधीश की निष्ठा पूर्वक यथेष्ट न्याय  की  व्यवस्था  से
एक भ्रष्ट राष्ट्र स्वत: ही सुखद परिवर्तन की ओर अग्रसर होगा.....


मेरे, केंद्र एवं प्रदेश शासन में एक दो कार्य लंबित है किन्तु
घूस की मांग पूर्ति के बिना कोई कार्य सिद्ध नहीं हो रहा.....


निर्वाचन आयोग कृपया यह सूचना देने का कष्ट करे
कि मैं किसे मत दान करूँ केंद्र में पक्ष है तो प्रदेश में
विपक्ष.....??


No comments:

Post a Comment