उत्कृष्ट प्रतिभावान को दिया गया पुरस्कार-सम्मान न केवल प्रतिभा
को अपितु सम्मान की गरिमा को उत्कृष्ट करता है..,
पुरस्कार-सम्मान प्रदाता को इसे प्रदान करते समय अत्यधिक
सावधानी का अनुपालन करना चाहिए ग्रहीता यद्यपि प्रतिभावान हो
किन्तु यह देय सम्मान का दुरुपयोग भी कर सकता है..,
जहाँ सम्मान पुरस्कार प्राप्तकर्त्ता पुरस्कार का दुरुपयोग करना आरम्भ
करता है वहां से सम्मान की भी अपमान होना प्रारम्भ हों लगता है तत्
पश्चात पुरस्कार ग्रहीता, देय पुरस्कार का अधिकारी नहीं रह जाता..,
विगत कई वर्षों से भारत में न केवल राष्ट्रीय अपितु अन्तराष्ट्रीय पुरस्कारों
का भी गृहीता द्वारा अधिकाधिक दुरूपयोग हुवा है यही कारण है की आज
विश्व-पटल पर भारतीय प्रतिभावान की छवि धूमिल है एवं उसकी प्रतिभा
का न तो आदर-सत्कार है एवं न ही कोई मूल्य है.....
एक अनछुई बात कही आपने ...पुरस्कार स्वरूप दी गयी सम्पति का अगर दुरूपयोग करने लगे तो उससे वो पुरस्कार वापिस ले लेना चाहिए।
ReplyDeleteमेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है
बेतुकी खुशियाँ
बहुत बढ़िया ख़याल...
ReplyDeleteपुरुस्कारों की गरिमा बनी रहने चाहिए.
अनु