NEET-NEET
Saturday, 15 December 2012
----- ।। अगन सहुँ तिब्रतस भए रौद्र रस ।। -----
क्रोध की ज्वाला में मनुष्य की वैचारिक वैचक्षण्य को ज्वलित कर
उसे मुर्ख घोषित करने की शक्ति होती है.....
धन उतना ही हो जितना कि एक सामान्य एवं संतुलित जीवनयापन
हेतु पर्याप्त है.....
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