Wednesday, 29 August 2012

----- ।। न्याय का कार्यक्रम ।। -----

" लोक, राज, पर, सैन्य अथवा किसी भी तंत्र का उचित या अनुचित न्यायधिकरण जन
  संचालन का आधार स्तम्भ होता है "


" काय-कार-काल के कार्य-कारण न्याय का परिमाण एवं औचित्य परिवर्तित कर देते है"


             

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