" लोक, राज, पर, सैन्य अथवा किसी भी तंत्र का उचित या अनुचित न्यायधिकरण जन
संचालन का आधार स्तम्भ होता है "
" काय-कार-काल के कार्य-कारण न्याय का परिमाण एवं औचित्य परिवर्तित कर देते है"
संचालन का आधार स्तम्भ होता है "
" काय-कार-काल के कार्य-कारण न्याय का परिमाण एवं औचित्य परिवर्तित कर देते है"
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