कलम आज़ाद
गुलामे-हिन्दुस्ताँ को फ़तेह शाने-सर दिया..,
सर जमीं आजादे-हिन्दुस्तान कर दिया..,
जहां जमीन गुल जो गुलामी पे लुट गए ..,
सफ़र कदम हमने इक निशाँ कर दिया..,
जलजलों के जलवे ने कुश्ता किया चराग..,
जवान जलजलों ने शम्मेदान सर दिया..,
जुल्मे जहन्नुम में जलाया फिरारी ने
फिरदौस को जलाके शमशान कर दिया..,
जहान्नारा जान पे जाँ निसार कर चले..,
जवाँ जवाँ जवानों बागबान कर दिया..,
शहाब की रंगीनी शहादते शबीह पर..,
सर अंजाम सरापा शहीद शहान बर दिया..,
जुलमते मुल्क के शाख्शान पे शहीद..,
पाकिज़ा जर्रे को हमने लो पेशान पर दिया.....
गुलामे-हिन्दुस्ताँ को फ़तेह शाने-सर दिया..,
सर जमीं आजादे-हिन्दुस्तान कर दिया..,
जहां जमीन गुल जो गुलामी पे लुट गए ..,
सफ़र कदम हमने इक निशाँ कर दिया..,
जलजलों के जलवे ने कुश्ता किया चराग..,
जवान जलजलों ने शम्मेदान सर दिया..,
जुल्मे जहन्नुम में जलाया फिरारी ने
फिरदौस को जलाके शमशान कर दिया..,
जहान्नारा जान पे जाँ निसार कर चले..,
जवाँ जवाँ जवानों बागबान कर दिया..,
शहाब की रंगीनी शहादते शबीह पर..,
सर अंजाम सरापा शहीद शहान बर दिया..,
जुलमते मुल्क के शाख्शान पे शहीद..,
पाकिज़ा जर्रे को हमने लो पेशान पर दिया.....
बहुत बढ़िया |
ReplyDeleteबधाईयाँ ||
word varification hatane ke liye "setting" me jayen
Neetu jee, bahut hee sundar urdu ke shabdon ka prayog kiya hai aapne, agar aapki ijaazat ho to kuch kehna chahungaa.....urdu ke shabdon ke arth bhee agar aap likh dein apni rachna ke niche to acha rahegaa.!!
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