सन-सन संसद
जिस संसद में जनता के जीवन-मरण के प्रश्न निर्धारित होते हैं उस संसद का
विद्यमान स्वरूप क्रीडास्थल एवं छविग्रह के सदृश हो गया है मानो वह अदृश्य
असुर शक्तियों द्रारा नियंत्रित हो रहा है.....
जिस संसद में जनता के जीवन-मरण के प्रश्न निर्धारित होते हैं उस संसद का
विद्यमान स्वरूप क्रीडास्थल एवं छविग्रह के सदृश हो गया है मानो वह अदृश्य
असुर शक्तियों द्रारा नियंत्रित हो रहा है.....
सत्य वचन |
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