Friday 10 August 2012

----- || SAN-SAN SANSAD || -----

                                           सन-सन संसद 


 जिस संसद में जनता के जीवन-मरण के प्रश्न निर्धारित  होते हैं उस  संसद का
 विद्यमान स्वरूप क्रीडास्थल एवं छविग्रह के सदृश हो गया है मानो वह अदृश्य
 असुर शक्तियों द्रारा नियंत्रित हो रहा है.....  

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