Monday, 5 November 2018

----- ॥पद्म-पद २३ ॥ -----,

                 ----- || राग-ललित || -----

रैन ज्योति नैन ज्योति जगा ज्योति जग जगमगे | कनक कंगूरे कलस ज्योति अगत जगत जगरत जगे ||
नलिन ज्योति मृनाल ज्योति ताल ताल ज्योतिर्मई |
उदयत मंगल काल ज्योति घोर गहन घन तम जई ||


दमकत दीपक माल ज्योति ज्योतिर्मय सुभ दीपावली | 
भीति भीति मनि जाल ज्योति बीथि बीथि सब गली गली ||
उदयत मंगल काल ज्योति दीप बरे
तिलक लषन दिए भाल ज्योति जग जोए पानि बंदन करे |
तिलक लषन दए भाल ज्योति तिलक

करतल हिरन थाल ज्योति छजत छत छत पंगत परी |
लखत लालमलाल ज्योति छूटत जब नभ फूरझरी ||

कलित किरीट कपाल ज्योति मञ्जुलित मुख मंडलम |
धन लखि के निर्माल ज्योति सुभोदय सुभदर्शनम ||
ज्योतिर ललाटुलम |



भव ज्योति भव भूमि ज्योति ज्योति ज्योति त्रिभुवनं

भवन भवन ज्योतिर करत भूतिमई भई भगवते |
करत पूजन सब धरत ज्योति भरे भेस मन भावते |
सोहत गिरा संग गनपति दाहिन बाम बिराजते ||
गिरा ज्योति ज्योतिर्मय श्री गनपते |





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