भ्रष्टाचार के कृत्यकार कौन कौन हो सकते है..??
" भारतीय दंड संहिता 1860 की
धारा 11 के अंतर्गत 'व्यक्ति'
धारा 12 के अंतर्गत 'लोक'
धारा 17 के अंतर्गत 'सरकार'
धारा 19 के अंतर्गत 'न्यायाधीश'
धारा 21 के अंतर्गत 'लोकसेवक'
लोक सेवक से तात्पर्य:--
" प्रथमतम प्रत्येक प्रस्तरों पर जनता द्वारा प्रत्यक्ष,अप्रत्यक्ष रूप से
निर्वाचित व्यक्ति जो वैधानिक सेवा नियोगी(गिन) हो अथवा नियोग
विहीन हो; द्वितियक शासन-प्रशासन द्वारा प्रत्येक स्तरों पर नियोजित,
नियुक्तिक, निष्पत्तिक, आधिकरणिक व्यक्ति जो सेवा कर्मण्या के
प्रयोजन हो अथवा निष्प्रयोजन हो लोकसेवक संदर्भित है.."
" शासकीय, अर्धशासकीय, अशासकीय, आधिकरणिक निकाय, इकाई,
संस्था, संगढन, समिति, न्यास, अर्धन्यास के स्वामी, संचालक के
आधिकरणिक व्यक्ति जो सेवा नियोगी(गिन) हो अथवा नियोग विहीन
द्वारा अथवा इसके अधीन निर्वाचित नियोजित, नियुक्तिक, निष्पत्तित,
हो, भ्रष्टाचार के अपराध के कर्ता, कर्तृत्व,कारयिता अथवा उत्प्रेरित,
उत्प्रेरक हो सकते है.."
" अपराध की गंभीरता दृष्टिगत रखते हुवे एवं यह द्रष्टांकित करते हुवे
कि 'भारत एक है' उपबंधों के प्रावधान जम्मू एवं काश्मीर के भारतीय
नागरिक, भारत के अन्दर अल्पवासी अथवा दिर्घवासी अनागरिक
भारतीय भी भ्रष्टाचार के अपराध के कर्ता, कर्तृत्व, कारयिता हो
सकते है.."
" सर्वोच्च सत्ताधारी, विदेशी सर्वोच्च सत्ताधारी, राजदूत, विदेशी शत्रु,
विदेशी सेनाएं, युद्धपोत, अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं भी भ्रष्टाचार के अपराध
के कर्ता, कर्तृत्व, कारयिता हो सकते है.."
" उन प्रकरणों के अतिरिक्त जहां आतंरिक सुरक्षा सेवक जब की ऐसे
आपराधिक कृत्यों की परिष्टि हेतु स्वयं अधिकृत हों, भ्रष्टाचार अथवा
कोई भी अपराध, आपराधिक कृत्य ना होकर तब तक एक सामाजिक
कुरीति भर है जब तक की पीडित पक्ष न्याय की शरण न ले.."
" भ्रष्टाचार का अपराध अधिक गंभीर हो जाता है, जब वह प्रचारित व
अधिकाधिक व्यवहारिक हो जाए.."
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