Friday, 18 May 2012

" Jivaatma Gyaan "

Happy .....:)


" जीवों का विघटन ही सत्य है..,
  जीवों का संघटन ही ब्रम्ह है..,
  जीवों का संवर्द्धन ही विष्णु है..,
  जीवों का घटक(घटन) शिव है.."
  -----सत्यम शिवम् सुन्दरम-----
 " अर्थात जीवनांत सत्य है किन्तु शिव जीवंत है, यही सुन्दर है.."


 " घटक ---> संघटन  ---> संवर्द्धन ---> विघटन ---> घटन.."


" जीव, निर्जीव का संघटक है..,
  निर्जीव, जीव  का विघटक है.."


" जीव यन्त्र  मात्र है,
  आत्मा, जीव  में सत्तत्त्व स्वरूप स्थित है.."


" आत्मा, देह में संघटन स्वरूप है..,
  मृत्यु के पश्चात यह विघटित हो द्रव्य की आकृति ग्रहण करती है..,
        देह = पृथ्वी + अग्नि + जल..,
  आत्मा = वायु + आकाश.."


" धर्मकर्म के गुण आत्मतत्त्व की प्रकृति को निर्धारित करते है..,
  धनकर्म के गण आत्मतत्त्व की दुष्कृति को निर्धारित करते है.."


" पृथ्वी + अग्नि + जल + वायु + आकाश (अर्थात शुन्य ) = देह..,
  पृथ्वी * अग्नि * जल * वायु * आकाश (अर्थात शुन्य ) = शुन्य अर्थात आकाश अर्थात मोक्ष....."











2 comments:

  1. " Jaki Rahi Bhaavanaa Jaesi..,
    Prabhu Murat Dekhi Tin Taesi.."


    " Prabhu Anant Prabhu Kathaa Anantaa....."
    -----TULASI DAAS-----

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  2. Viroddhri Karmanya Gyaan Ke Vashibhut Sadaev Chadm Avaguno Ka
    Avalokan Karataa Hai,
    Viroddhri Akarmanya Agyaan Ke Vashibhut Sadaev Chadm Guno Ki
    Gananaa Karataa Hai.....

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