भ्रष्टाचार के प्रकार क्या है..??
" भ्रष्टाचार मुख्यतया नैतिक व आर्थिक प्रकार के होते है.."
" नैतिक भ्रष्टाचार विस्तारित है:-- आपराधिक आचरण सहित व्यवह्रत कृत्य जो शरीर-संपत्ति
(चल-अचल) के विरुद्ध वैधानिक उपबंधों के अधीन दोषपूर्ण
कार्याकार्य का अवैधानिक कृत्य हो, नैतिक भ्रष्टाचार के अपराध
की श्रेणी है.."
की श्रेणी है.."
" आर्थिक भ्रष्टाचार :-- विधिविरुद्ध संसाधनों का व्यवहृति, यदार्थ 'दूषित नियत' एवं कपटपूर्ण
आशय के अंतर्गत 'धोखा' व 'क्षति' अपेक्षित हो, एतदर्थ व्यक्ति स्वयं
अथवा अन्य व्यक्ति हेतुक ऐसा दोषपूर्ण अर्जन का कर्ता, कर्तृत्व,
कारयिता हो जो यह सुनिश्चित करता हो कि जिसके अवैधानिक एवं दोषपूर्ण
समुन्नय के प्रयोजन का सन्निधान स्वयं के अथवा अन्य व्यक्ति हेतु है,
आर्थिक भ्रष्टाचार का अपराधी है.."
आर्थिक भ्रष्टाचार का अपराधी है.."
" जहां प्रकट स्वरूप दोषयुक्त लाभ का प्रयोजन हो..,
वहां दोषयुक्त हानि का भी विरूपण होता है.."
" भा.द.स. 1860 की धारा 23 के अंतर्गत 'सदोष अभिलाभ' व
'सदोष हानि' के प्रासंगिक है किन्तु इसकी व्याख्या लघुत्तम
व दंड का प्रावधान न्यूनतम है.."
" भा.द.स. की धाराऍ 161-171
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988(संशोधित) की धाराएं 161-165(क)
में भी भ्रष्टाचार के अपराध का प्रावधान तो है किन्तु संक्षिप्त है.."
वास्तव में " भारतीय वैधानिक उपबंधों में 'भ्रष्टाचार' शब्द की स्पष्ट
परिभाषा उपलब्ध ही नहीं है विशेषकर आर्थिक भ्रष्टाचार
के अपराध से सम्बंधित वैधानिक उपबंधों की व्याख्या
लघुत्तम व दंड के प्रावधान न्यूनतम है.."
" Bhaarat Ko Svatantrataa Kinchit
ReplyDelete'Lekin, Kintu, Parantu' Ke Saath
Praapt Hui Jo Prathamtam 'Angrejon"
Dvaaraa Va Dritiyak Svayam 'Bhaatiyon"
Dvaaraa Hi Prtyaaropit Ki Gai....."