लागे मोही तुहरी दुनिया बिरानी,
नैनन के मोती बहि भए पानी पानी..,
ओ रे पिया ए रतन अमोलक, हाय ए मोल न जानी,
लागे मोही तुहरी दुनिया बिरानी,
नैनन के मोती बहि बहि भए पानी पानी..,
निसदिन करि ए कहि बतिया, गह गह गयउ बखानी
लागे मोही तुहरी दुनिया बिरानी
नैनन के मोती बहि बहि भए पानी पानी
कासे कहें कहँ जा सुनावैं, ए हमरी राम कहानी,
लागे मोही तुहरी दुनिया बिरानी,
नैनन के मोती बहि बहि भए पानी पानी..,
हम सहुँ कहुँ परोसहु बैरि जनिहि न राम कि बानी,
लागे मोही तुहरी दुनिया बिरानी,
नैनन के मोती बहि बहि भए पानी पानी..,
अजहुँ त परबत परतस लागे, हिय करि पीर पिरानी,
लागे मोही तुहरी दुनिया बिरानी,
नैनन के मोती बहि बहि भए पानी पानी.....
नैनन के मोती बहि भए पानी पानी..,
ओ रे पिया ए रतन अमोलक, हाय ए मोल न जानी,
लागे मोही तुहरी दुनिया बिरानी,
नैनन के मोती बहि बहि भए पानी पानी..,
निसदिन करि ए कहि बतिया, गह गह गयउ बखानी
लागे मोही तुहरी दुनिया बिरानी
नैनन के मोती बहि बहि भए पानी पानी
कासे कहें कहँ जा सुनावैं, ए हमरी राम कहानी,
लागे मोही तुहरी दुनिया बिरानी,
नैनन के मोती बहि बहि भए पानी पानी..,
हम सहुँ कहुँ परोसहु बैरि जनिहि न राम कि बानी,
लागे मोही तुहरी दुनिया बिरानी,
नैनन के मोती बहि बहि भए पानी पानी..,
अजहुँ त परबत परतस लागे, हिय करि पीर पिरानी,
लागे मोही तुहरी दुनिया बिरानी,
नैनन के मोती बहि बहि भए पानी पानी.....
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 23मई 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
खूबसूरत प्रस्तुति !! बहुत खूब ।
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